प्रति
मुख्य मंत्री महोदय
म.प्र. शासन भोपाल
विषय- जिला शिक्षा धिकारी यूवी पटेल के काले कृत्यों की जांच कराकर धोखाधडी का प्रकरण पुलस मे दर्ज कराये जाने बावत।
महोदय,
विषयार्गत निवेदन है कि रीवा मे पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी यूबी पटेल ने लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से प्राप्त जूडों कराटे की सामग्री खरीदी मे खुलेआम हेरा- फेरी की है। उन पर जांच के बाद आरोप सही पाए गए है। सामान खरीदी का सत्यापन कर तकरीबन साढे तीन लाख रू की राशि आहरण करने के साथ साथ अन्य विभिन्न आरोप हैं।
लेख किया जाता है कि डीईओ श्यामनारायण शर्मा के निलम्बन के पश्चात मार्तण्ड क्र-1 के प्राचार्य एसएन तिवारी को डीईओ का प्रभार सौपा गया इसके बाद उन्हें छतरपुर का डीईओ बना दिया गया और यूबी पटेल को रीवा का डीईओ नियुक्त किया गया। श्री पटेल ने 15 फरवरी 12 को डीईओ के रूप में रीवा में कार्यभार सम्भाला। लेकिन जल्दी ही वे डीईओ कार्यालय के भ्रष्ट लिपिकों के चक्कर में फंस गये और शासकीय राशि की हेराफेरी करनी शुरू कर दी। बताया गया है कि उनके द्वारा 3.38 लाख रू की राशि का नियम विरूद्ध आहरण कर लिया गया। दरअसल उनके ज्वाइन करने के पूर्व 4 जनवरी को कथित रूप से जूडों कराटे की सामग्री की खरीदी की गई थी। उनके समक्ष जब उक्त खरीदी के बिल बाउचर प्रस्तुत किये गये तो उन्होनें बगैर देखे सुने उसका सत्यापन कर दिया। इस खरीदी में टेण्डर कोटेशन भी नहीं लिये जाने की बात बताई गई है। इसके अलावा डीईओ यूबी पटेल द्वारा अनुदान प्राप्त मदरसों को भी नियम विरूद्ध अनुदान वितरित कर दिये जाने का मामला भी काफी सुर्खियों में था। उक्त सम्बन्ध में श्रीपटेल द्वारा संभागायुक्त के निर्देशों को भी दरकिनार कर दिया गया था। इसके पूर्व श्री पटेल जब सीधी में प्राचार्य थे उस समय भी उनके द्वारा अनेकों प्रकार की अनियमितताओं को अन्जाम दिया गया था।
रीवा मे पदस्थ होते ही डीईओं पटेल ने अपने रिसेतेदारों को लाभ पहुचाने के उदेदेश से मनमानी कार्य किया है। बाद मे राशि आहरण हो जाने बाद बैक डेट पर विज्ञापन भी प्रकाशित कराया गया है जो गम्भीर जांच का विषय है। इससे उनके ऊपर लगे आरोपों की पृष्टि होती है।
गौरतलब है कि डीईओ कार्यालय में आधा दर्जन से अधिक ऐसे कर्मचारी पदस्थ है जो लम्बे समय से भ्रष्टाचार मेंं संलिप्त है और वे हर उस डीईओ को गंम्भीर भ्रष्टचार मे फंसा कर उसका शिकार कर डालते है। इस मामले में डीईओ कार्यालय का इतिहास बेहद शर्मनाक है। रीवा में पदस्थ होने वाले अधिकांश डीईओ को निलम्बन की कार्यवाही के दौर से गुजरना पडा है। श्री पटेल के पूर्व कई डीईओ रीवा में पदस्थ होने के बाद निलम्बित हो चुके है।
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