सेवा मे,
श्रीमान दिल्ली नगर निगम कमिशनर जी
टोन हाल दिल्ली
महोदय
विषय-नगर निगम के कूड़ा ढोने वाले ट्रको की जर्जर व खस्ताहाल स्तिथि के संबंथ में
एक तरफ जहाँ भर्ष्टाचार को मिटने के लिए 70 वर्षीय अन्ना हजारे जैसे लोग आन्दोलन कर रहे है, तो दूसरी ओर कुछ सरकारी सेवक भर्ष्टाचार की जड़े मजबूत करने की कसमे खा रहे है! मामला है ऑटो वर्क शॉप डिपो झिलमिल का जहाँ कूड़ा उठाने वाले सरकारी ट्रको का, एक तो पहले से ही जर्जर हालत में जूझ रहे है ओर अगर गलती से कोई ट्रक ख़राब हो गया तो कई दिनों ठीक होने का काम अधर में लटक जाता है, कभी ट्रको में लगने वाले पुर्जो(सामान) के कारण ओर कभी सामान उपलब्ध होते हुए भी काम ठंडे बसते में चला जाता है! ट्रको के ठीक होने में लगने वाले पुर्जो की गुणवत्ता मे भी कमी, कितने दिन साथ दे! क्योकि एक ट्रक कम से कम 1 महीने में 10 बार ठीक होता है ओर ठीक होने के बाद भी कोई गारंटी नहीं की ट्रक कितने घंटे सही चलेगा! कथित तौर पर शायद कुछ सरकारी सेवक ट्रको के ठीक करने और ट्रको में लगने वाले सामान की आड़ में मलाई खा रहे है, काम 10 का और बिल 100 आम बात है, जनता की खून पसीने की कमाई का सही प्रकार से इस्तेमाल करना हर शासन और प्रशासन का कर्मो-धर्म है! सम्बंधित अधिकारियो से विनम्र अनुरोध है इस मामले पर उचित संज्ञान दे!
धन्यवाद समाज सेवक व निवासी
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